निपूती
तेरह करोड़ जणखै री मावड़
अजै निपूती हूं?
सोने-रूपे रा थाळ घणा पण,
ऐंठ खावण री तेवड़ली है!
चीर लेग्या चोरटा,
जबान कतरली रोळतंत्रा!
होळी दीयाळी ऐंठा ठांवां में जीमै
वै पूत निपूती रा है?
लोही जमग्यो हाडां मांय
उकळतो लोही लावूं
कठै सूं?
म्हारा लाडैसर
डिगरयां ले-ले
रूळता फिरता
फैसन में फाटता
भचभेड़यां खावता
राज रा चाकर
बणण री आस लियां।
जूण पूरी करता
अधबुढा व्हैग्या है!
भूल निज भासा
ऐ तो गिरड़-गिरड़
गरड़ावै है।
परभासा में गिटर-पिटर कर,
ऐ घणा पोमावै है।
निज भासा-संस्कृति रै
लगा बळीतो
पंजाबी पोप पर
नाच उघाड़ा नचावै है।
जद ही
राणा प्रताप, राणा सांगा
जैमल फता
री इण’भौम री
कूख
बांझ कुहावै है।
जिका हा राज करणिया
वै आज रोळतंत्रा
रै आगे पूंछ हिलावै है।
राहुलजी-सोनियाजी
रा गुण
बखाण
भाटां ज्यूं बिड़दावै है।
तेरह करोड़ जणखै री मावड़
अजै निपूती हूं?
सोने-रूपे रा थाळ घणा पण,
ऐंठ खावण री तेवड़ली है!
चीर लेग्या चोरटा,
जबान कतरली रोळतंत्रा!
होळी दीयाळी ऐंठा ठांवां में जीमै
वै पूत निपूती रा है?
लोही जमग्यो हाडां मांय
उकळतो लोही लावूं
कठै सूं?
म्हारा लाडैसर
डिगरयां ले-ले
रूळता फिरता
फैसन में फाटता
भचभेड़यां खावता
राज रा चाकर
बणण री आस लियां।
जूण पूरी करता
अधबुढा व्हैग्या है!
भूल निज भासा
ऐ तो गिरड़-गिरड़
गरड़ावै है।
परभासा में गिटर-पिटर कर,
ऐ घणा पोमावै है।
निज भासा-संस्कृति रै
लगा बळीतो
पंजाबी पोप पर
नाच उघाड़ा नचावै है।
जद ही
राणा प्रताप, राणा सांगा
जैमल फता
री इण’भौम री
कूख
बांझ कुहावै है।
जिका हा राज करणिया
वै आज रोळतंत्रा
रै आगे पूंछ हिलावै है।
राहुलजी-सोनियाजी
रा गुण
बखाण
भाटां ज्यूं बिड़दावै है।
विनोद सारस्वत, बीकानेर
thari aa kavita kaljo chir-gee.
ReplyDeleteRachta ravo saa.
हुकम पुत तौ घणा जणिया है... पण सगळा नाजोगा कपुत इज जलमिया.... सगळा दिल्ली दरबार रै सामी पुंछ हिलावण वाळा इज जलमिया... लारला 60 बरसां मांय कोई पुत एड़ौ नीं आयौ जकौ दिल्ली दरबार नै मुंडो तोड़ नै पड़ुत्तर देवतौ.
ReplyDeleteजै राजस्थान, जै राजस्थानी