Wednesday, April 7, 2010

आर्याव्रत सूळी चढ्यो दो नेतावां री जिद री धार!

जिण गत दिनूंगै सूं दुपैर, दुपैर सूं सिंझ्या छिंया बदळै है,
मांझळ रात रै पछै नित उगे परभात बदळै है।
उणी गत बदळाव ई  संसार रौ नित नैम बदळै है।
बरस उगणीसै मांय आर्यावत में अेक आंधी सी उमटी ही
अंग्रेज राज रै विरूद्ध दकाळ अेक उठी ही।
नित रा चालता चाळा लोगां नैं घण भरमावै हा।
आजादी रै हाकै सागै लोग बावळा बण घोरावे हा।
कूड़ कपटिया नेता घण जलमिया, वै आप री मोद मनावै हा।
सुभास बोस, भगत सिंह, आजाद सरीखा सूरमा
गोरा नैं घणा छिजावै हा।
नरम दळ-गरम दळ रा पाळा में बंटी कांग्रेस
नित नूंवा भेख बणावे ही।
विलायत सूं आय गांधी बाबो सगळां नैं
अहिंसा रौ पाठ  पढावे हा.
सूट-बूट छोड लंगोटी रै साथै डांग रौ टेको न्यारौ लगावै हा।
सुभास बाबु बण्या कांग्रेस पाटवी, नेहरू नैं अंगाई नीं सुहावै हा।
कूड-कपट रचा गोरां साथै, सुभास बाबु नै निजरबन्द धरा दीना।
पण गोरां री आंख्या में धूड़ न्हाख, सुभास बाबु छूमंतर व्हैग्या।
नेहरू री आस फळगी, इब तो इण जंगळ में एकलो ही द्डूकुला ।
पण बिचाळै दाळ-भात में मूसळचन्द बण जिन्ना रो जिन्न पगटयो।
नेहरू अर जिन्ना दोवू बूकिया चढा म्हैं-म्हैं री रट लगावै हा।
महात्मा गांधी डोकर बिचाळै, हाथ हिलाय दोवां नैं समझावै हा।
समझावणी रा घासा दोवां रै कानां सूं उपरकर निसरै हा।
उंचै आसण बैठयो लाट साहब खाख पिदावै हो।
वो बोल्यो गांधी बाबा इब तो दो देस बणैला।
एक में नेहरू तो दूजै में जिन्ना राज करैला।
दोवां रै मन रा लाडू फूट पड़या, मुंडै सूं लाळां पड़ण लागी।
आर्याव्रत सूळी चढग्यो दो नेतावां री जिद री धार  पर।
जबर मारकाट मची धरणी पर मिनखापण सरम गमावै हो।
मुस्लिम लीग अर आर एस एस मौत रा नाच नूंवा नचावै हा।
प्रजा परिसद जैड़ा संगठन आप री डफली न्यारी बजावै हा।
देवनागरी में लिखण रा फरमान सुणा,
गांधी री टेर में टेर मिलावै हा।
राजपुतानै में भी इण डाक्यां रा पग मंडग्या
आजादी रै जयकारै साथै छांन नूंवी सजावै हा।
राज राठौड़ी बरजै, क्यूं माथै राख घालौ हो?
थै म्हारा  हो, पण कांग्रेसियां ज्यूं क्यूं रोळ मचावो हो?
आजाद आपणो राजपुतानो  क्यूं ढपला कर नैं स्यान गमावो हो?
इण घोर-घणघोर आंधी में राजा जी भी ढीला पड़ग्या।
सदियां सूं आजाद राजपुतानो टंटाटेर हुयग्यो
इण भारत देस रा गुलाम बणण नैं त्यार व्हैग्यो।


विनोद सारस्वत,
बीकानेर

1 comment:

  1. हौळे होळे चालती पीड़ ने सागै इ बखाण करती आ कविता चोखी है ।

    ReplyDelete